रेखा गुप्ता: मोदी-शाह ने क्यों चुना रेखा को मुख्यमंत्री, अब बात छुपी नहीं रही

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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 तारीख को घोषित किए गए। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा करने में जगत प्रकाश नड्डा ने 11 दिन का समय लिया। इस देरी से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री पद के लिए किसी एक व्यक्ति को चुनना आसान काम नहीं था।बल्कि यह बहुत ही कठिन निर्णय था।

कौन हैं रेखा गुप्ता?

प्रश्न यह है कि रेखा गुप्ता कौन हैं? और उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए क्यों चुना गया? यह चयन करना इतना कठिन क्यों था?

दरअसल, दिल्ली में बीजेपी के मजबूत स्थानीय नेताओं की हमेशा से कमी रही है। यह सच है कि बीजेपी के कई बड़े नेता नई दिल्ली में रहते हैं, लेकिन वे स्थानीय राजनीति में सक्रिय नहीं रहे हैं। वे सभी राष्ट्रीय राजनीति के चेहरे रहे हैं, चाहे वह अटल बिहारी वाजपेयी-लालकृष्ण आडवाणी का दौर हो या अमित शाह-राजनाथ सिंह का।

इसी कारण, एक समय वाजपेयी-आडवाणी को केंद्रीय कैबिनेट से सुषमा स्वराज को इस्तीफा दिलवाकर दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाना पड़ा था। क्योंकि उस समय के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा पूरे दिल्ली में स्वीकार्य चेहरा नहीं थे। दरअसल, दिल्ली में ऐसा कोई नेता नहीं था जो पूरे राज्य संगठन पर एकछत्र प्रभाव रखता हो। इसलिए बीजेपी को मजबूरी में सुषमा स्वराज को चुनना पड़ा, हालांकि वे दिल्ली की नेता नहीं थीं। उनका जन्म हरियाणा में हुआ था और उनकी राजनीति की शुरुआत भी वहीं से हुई थी। वे दो बार हरियाणा विधानसभा की सदस्य भी रही थीं।

दिल्ली में नेतृत्व की इस कमी के चलते ही कभी मनोज तिवारी को दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया था ताकि भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी को दिल्ली में लोकप्रिय बनाया जा सके और वहां बसे बड़ी संख्या में बिहारी मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सके। लेकिन मनोज तिवारी भी इसमें असफल रहे।

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