गुजरात निकाय चुनावों में BJP का डंका, 68 नगर पालिकाओं में से 60 पर किया कब्जा

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जरात में संपन्न हुए नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है. 68 नगर पालिकाओं में से 60 पर भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस केवल 1 नगरपालिका जीतने में सफल रही.

वहीं आम आदमी
पार्टी (आप) को निराशा हाथ लगी है. इनके अलावा समाजवादी पार्टी ने 2 नगर पालिकाओं पर कब्जा किया, जबकि 3 नगर पालिकाओं में टाई की स्थिति बनी रही. एक नगर पालिका में निर्दलीय ने जीत हासिल की है तो 1 नगर पालिका में किसी भी पक्ष को बहुमत नहीं मिल पाया है.

पिछली बार इन्हीं 68 में से 51 नगरपालिका में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. इस बार यह जीत की संख्या 51 से 60 पर जा पहुंची है. कुल मिलाकर इस स्थानीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने कुल 1403 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 260, समाजवादी पार्टी ने 34, आम आदमी पार्टी ने 28 और बसपा ने 19 सीटें अपने नाम की हैं. इनके अलावा निर्दलीय 151 सीटें जीते हैं.

जूनागढ़ में बीजेपी की तीसरी बार बहुमत

भाजपा ने इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात की विकास यात्रा का परिणाम बताया है. पार्टी के अनुसार, जनता ने एक बार फिर भाजपा की नीतियों और सरकार के विकास कार्यों पर भरोसा जताया है. इस ऐतिहासिक जीत के बाद गुजरात भाजपा मुख्यालय कमलम में भव्य जश्न मनाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी. आर. पाटील भी शामिल हुए.

भाजपा ने जूनागढ़ नगर निगम में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करते हुए 60 में से 48 सीटें अपने नाम कीं. इस पर भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात का विकास निरंतर जारी है और जनता ने इसे एक बार फिर समर्थन दिया है.


विपक्ष को झटका


इस निकाय चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए परिणाम निराशाजनक रहे. कांग्रेस केवल एक नगरपालिका जीतने में सफल रही, जबकि आम आदमी पार्टी के केवल 27 प्रत्याशी विजयी हुए. हालांकि, आप ने अपने प्रदर्शन को संतोषजनक बताते हुए कहा कि उन्होंने 500 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 35 प्रत्याशी जीते, जो उनकी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है.


आप ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाए. पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने "शाम-दाम-दंड-भेद" की नीति अपनाई, फिर भी उनके प्रत्याशी पूरी मेहनत से चुनाव लड़े और जनता के बीच बने रहे.


वहीं कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने भी भाजपा पर सत्ता के दुरुपयोग और धनबल के सहारे चुनाव जीतने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास इस बार मात्र 12 विधायक हैं, जबकि पिछले चुनावों में यह संख्या 77 थी. ऐसे में इस चुनाव परिणाम को पूरी तरह निराशाजनक नहीं माना जा सकता

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